ब्रहमसरोवर के तट पर सजी शिल्पकारों की शिल्पकला, शिल्पकारों के शिल्पकला के मुरीद हुए पर्यटक कुरुक्षेत्र अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव समारोह में ब्रह्मसरोवर के चारों ओर शिल्पकारों व दस्तकारों का बाजार सज चुका है। देश के विभिन्न हिस्सों से दस्तकार अपनी-अपनी कला के नमूने सरस मेले के इस बाजार में प्रदर्शित कर रहे है और हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ साथ पड़ोसी राज्यों के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है। विभिन्न राज्यों के दस्तकारों व शिल्पकारों के इस एकीकरण से कला के कदरदान भी अपनी पसंद की कलात्मक वस्तुओं का चयन करने में पूरा समय लगा रहे हैं और सप्ताहांत अवकाश का भरपूर फायदा लेते हुए जमकर खरीदारी कर रहे हैं। विभिन्न राज्यों से आये दस्तकारों व शिल्पकारों के चेहरे भी भीड़ देखकर खुश थे, क्योंकि दस्तकारों के लिए भी कोविड 19 के बाद यह कमाई करने का बड़ा अवसर है। सरस मेले में विभिन्न राज्यों से आये दस्तकार व शिल्पकार जो अपने-अपने राज्यों की कला विशेष को प्रस्तुत किये हुए है, उनमें देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के बनारस से आये दस्तकार कडुआ बूटी प्रिंटिंग वाली मशहूर बनारसी साडिय़ां, इसी राज्य के मनका युक्त आर्टिफिशियल आभूषण व चाइना मिट्टी से बने सेरामिक कोटरी व हैंड पेंटेड क्राकरी, पश्चिम बंगाल की विशेष टेराकोटा मिट्टी व लकड़ी से बनी दस्तकारी के सजावटी सामान, राजस्थान की वेलवेट परहैंड मेड वाटर कलर पेंटिंग, गुजराती दस्तकारों द्वारा सूती कपडे पर हाथ की छपाई वाले आकर्षक डिजाइन से तैयार बेड शीट, सोफा कवर, पर्दे, तकिया कवर इत्यादि, पश्चिम बंगाल के सूखे सजावटी व आकर्षक फूल, आसाम के दस्तकारों द्वारा बम्बू से बनाई सजावटी व घरो में प्रयोग होने वाली वस्तुएं, उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ की ब्रास मेटल की आकर्षक मूर्तियां व अन्य कलाकृतिया, पंजाब की मशहूर फुलकारी के डिजाइन वाले वस्त्र, हरियाणा की हैंड एम्ब्रॉयडरी, राजस्थान के दस्तकारों द्वारा बनाई पत्थर की आकर्षक मूर्तियां, कश्मीर के दस्तकारों को विशेष पहचान दिलाने वाली पश्मीना शाल व अन्य कश्मीरी वस्त्र तथा देवभूमि हिमाचल के दस्तकारों द्वारा बनाई गई विशेष हिमाचली टोपी व अन्य डिजाईनर हाथ की कढ़ाई वाले गर्म कपड़े पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र बने हुए है।